घुटने या जोड़ों की समस्याओं के लिए 7 योग अभ्यास

घुटने और जोड़ों की समस्याओं के लिए 7 योगासन खोजें और जानें कि उन्हें कैसे कम किया जाए। इन प्रभावी योग प्रथाओं के साथ जोड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ाएं।#yoga#knee#joint

2/17/20241 मिनट पढ़ें

butterfly yoga
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योग एक शक्तिशाली अभ्यास है जो घुटने और जोड़ों की समस्याओं को कम करने, राहत प्रदान करने और समग्र संयुक्त स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। चाहे आप गठिया, चोट या सामान्य असुविधा से जूझ रहे हों, इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से आपके घुटनों और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलेपन में सुधार करने और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। यहां सात योग आसन हैं जो आपको राहत पाने और आपके जोड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

1. माउंटेन पोज़ (ताड़ासन): अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर फैलाकर सीधे खड़े होकर शुरुआत करें। अपने पैरों को मजबूती से चटाई पर टिकाएं और अपनी जांघ की मांसपेशियों को इसमें शामिल करें। अपनी रीढ़ को लंबा करें और अपने कंधों को आराम दें। यह मुद्रा मुद्रा, संतुलन और स्थिरता में सुधार करने में मदद करती है, साथ ही घुटनों और जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को भी मजबूत करती है।

2. योद्धा II (वीरभद्रासन II): अपने पैरों को चौड़ा करके शुरू करें, आपका दाहिना पैर आगे की ओर हो और आपका बायां पैर थोड़ा अंदर की ओर हो। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें, इसे सीधे अपने टखने के ऊपर रखें, और अपनी भुजाओं को बगल की ओर फैलाएँ। यह मुद्रा पैरों, टखनों और घुटनों को मजबूत बनाने के साथ-साथ कूल्हों और कमर को भी स्ट्रेच करने में मदद करती है।

3. ब्रिज पोज़ (सेतु बंधासन): अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए अपनी पीठ के बल लेटें। अपने पैरों को चटाई में दबाएं और अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं, जिससे आपके शरीर के साथ एक पुल का आकार बन जाए। यह आसन जांघों और नितंबों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, साथ ही छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है।

4. बाल मुद्रा (बालासन): फर्श पर घुटनों के बल बैठकर शुरुआत करें, फिर अपनी एड़ियों के बल बैठें और अपने माथे को चटाई पर टिकाएं। अपनी भुजाओं को आगे फैलाएँ या उन्हें अपने शरीर के साथ टिकाएँ। यह सौम्य मुद्रा पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों और जांघों में तनाव को दूर करने में मदद करती है, साथ ही टखनों और घुटनों को भी खींचती है।

5. त्रिकोणासन (त्रिकोणासन): अपने पैरों को फैलाकर खड़े होकर शुरुआत करें। अपने दाहिने पैर को बगल की ओर मोड़ें और अपनी भुजाओं को फर्श के समानांतर बगल की ओर फैलाएँ। कूल्हे पर झुकें और अपने दाहिने हाथ को अपनी दाहिनी पिंडली, टखने या फर्श की ओर ले जाएं, जबकि अपने बाएं हाथ को छत की ओर बढ़ाएं। यह मुद्रा पैरों, कूल्हों और रीढ़ को फैलाती और मजबूत करती है, साथ ही घुटनों और टखनों में लचीलेपन में भी सुधार करती है।

6. वृक्षासन (वृक्षासन): अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं। अपना वजन अपने बाएं पैर पर डालें और अपने दाहिने पैर के तलवे को अपनी आंतरिक बाईं जांघ या पिंडली पर टिकाएं। अपना संतुलन खोजें और अपने हाथों को अपने हृदय केंद्र पर एक साथ लाएँ। यह मुद्रा संतुलन और स्थिरता में सुधार करती है, साथ ही घुटनों और टखनों के आसपास की मांसपेशियों को भी मजबूत करती है।

7. शव मुद्रा (सावासना): अपने पैरों को फैलाकर और अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ रखते हुए अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपनी आँखें बंद करें और अपने पूरे शरीर को आराम दें। यह मुद्रा गहरे आराम की अनुमति देती है और मांसपेशियों और जोड़ों में तनाव और तनाव को कम करने में मदद करती है।

अंत में, अपने शरीर को सुनना और आवश्यकतानुसार इन मुद्राओं को संशोधित करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको कोई दर्द या असुविधा महसूस होती है, तो आसन से बाहर निकलें और किसी योग्य योग प्रशिक्षक या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें। स्वस्थ जीवन शैली के साथ इन योग मुद्राओं का नियमित अभ्यास घुटनों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान दे सकता है, जिससे आप दर्द मुक्त और सक्रिय जीवन का आनंद ले सकते हैं।